Positive Quotes in Hindi

Collection of Best Positive Quotes in Hindi for the youth to think Positive and Maintain Positive Attitude. हिन्दी Quotes :
  1. वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है।
  2. प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असम्भव नजर आता है।
  3. ऊद्यम ही सफलता की कुंजी है।
  4. एकाग्रता से ही विजय मिलती है।
  5. कीर्ति वीरोचित कार्यो की सुगन्ध है।
  6. भाग्य साहसी का साथ देता है।
  7. सफलता अत्यधिक परिश्रम चाहती है।
  8. विवेक बहादुरी का उत्तम अंश है।
  9. कार्य उद्यम से सिद्ध होते है, मनोरथो से नही।
  10. संकल्प ही मनुष्य का बल है।
  11. प्रचंड वायु मे भी पहाड विचलित नही होते।
  12. कर्म करने मे ही अधिकार है, फल मे नही।
  13. मेहनत, हिम्मत और लगन से कल्पना साकार होती है।
  14. अपने शक्तियो पर भरोसा करने वाला कभी असफल नही होता।
  15. मुस्कान प्रेम की भाषा है।
  16. सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है।
  17. अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता।
  18. प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है।
  19. प्रसन्न करने का उपाय है, स्वयं प्रसन्न रहना।
  20. अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नही होता।
  21. एक गुण समस्त दोषो को ढक लेता है।
  22. दूसरो से प्रेम करना अपने आप से प्रेम करना है।
  23. समय महान चिकित्सक है।
  24. समय किसी की प्रतीक्षा नही करता।
  25. हर दिन वर्ष का सर्वोत्तम दिन है।
  26. एक झूठ छिपाने के लिये दस झूठ बोलने पडते है।
  27. प्रकृति के सब काम धीरे-धीरे होते है।
  28. साहसे खलु श्री वसति । ( साहस में ही लक्ष्मी रहती हैं )
  29. इस बात पर संदेह नहीं करना चाहिये कि विचारवान और उत्साही व्यक्तियों का एक छोटा सा समूह इस संसार को बदल सकता है । वास्तव मे इस संसार को इसने (छोटे से समूह) ही बदला है ।
  30. जरूरी नही है कि कोई साहस लेकर जन्मा हो , लेकिन हरेक शक्ति लेकर जन्मता है ।
  31. बिना साहस के हम कोई दूसरा गुण भी अनवरत धारण नहीं कर सकते । हम कृपालु, दयालु, सत्यवादी, उदार या इमानदार नहीं बन सकते ।
  32. बिना निराश हुए ही हार को सह लेना पृथ्वी पर साहस की सबसे बडी परीक्षा है । — आर. जी. इंगरसोल
  33. जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है ।
  34. मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं। - महात्मा गांधी
  35. किसी की करुणा व पीड़ा को देख कर मोम की तरह दर्याद्र हो पिघलनेवाला ह्रदय तो रखो परंतु विपत्ति की आंच आने पर कष्टों-प्रतिकूलताओं के थपेड़े खाते रहने की स्थिति में चट्टान की तरह दृढ़ व ठोस भी बने रहो। - द्रोणाचार्य
  36. यह सच है कि पानी में तैरनेवाले ही डूबते हैं, किनारे पर खड़े रहनेवाले नहीं, मगर ऐसे लोग कभी तैरना भी नहीं सीख पाते। - वल्लभभाई पटेल
  37. वस्तुतः अच्छा समाज वह नहीं है जिसके अधिकांश सदस्य अच्छे हैं बल्कि वह है जो अपने बुरे सदस्यों को प्रेम के साथ अच्छा बनाने में सतत् प्रयत्नशील है। - डब्ल्यू.एच.आडेन
  38. शोक मनाने के लिये नैतिक साहस चाहिए और आनंद मनाने के लिए धार्मिक साहस। अनिष्ट की आशंका करना भी साहस का काम है, शुभ की आशा करना भी साहस का काम परंतु दोनों में आकाश-पाताल का अंतर है। पहला गर्वीला साहस है, दूसरा विनीत साहस। - किर्केगार्द
  39. किसी दूसरे को अपना स्वप्न बताने के लिए लोहे का ज़िगर चाहिए होता है | -– एरमा बॉम्बेक
  40. हर व्यक्ति में प्रतिभा होती है. दरअसल उस प्रतिभा को निखारने के लिए गहरे अंधेरे रास्ते में जाने का साहस कम लोगों में ही होता है.
  41. वीरभोग्या वसुन्धरा । ( पृथ्वी वीरों द्वारा भोगी जाती है )
  42. कोऽतिभारः समर्थानामं , किं दूरं व्यवसायिनाम् । को विदेशः सविद्यानां , कः परः प्रियवादिनाम् ॥ — पंचतंत्र
  43. जो समर्थ हैं उनके लिये अति भार क्या है ? व्यवस्सयियों के लिये दूर क्या है? विद्वानों के लिये विदेश क्या है? प्रिय बोलने वालों के लिये कौन पराया है ?
  44. खुदी को कर बुलन्द इतना, कि हर तकदीर के पहले । खुदा बंदे से खुद पूछे , बता तेरी रजा क्या है ?
  45. कौन कहता है कि आसमा मे छेद हो सकता नही | कोई पत्थर तो तबियत से उछालो यारों ।|
  46. यो विषादं प्रसहते, विक्रमे समुपस्थिते । तेजसा तस्य हीनस्य, पुरूषार्थो न सिध्यति ॥ ( पराक्रम दिखाने का अवसर आने पर जो दुख सह लेता है (लेकिन पराक्रम नही दिखाता) उस तेज से हीन का पुरुषार्थ सिद्ध नही होता )
  47. नाभिषेको न च संस्कारः, सिंहस्य कृयते मृगैः । विक्रमार्जित सत्वस्य, स्वयमेव मृगेन्द्रता ॥ (जंगल के जानवर सिंह का न अभिषेक करते हैं और न संस्कार । पराक्रम द्वारा अर्जित सत्व को स्वयं ही जानवरों के राजा का पद मिल जाता है )
  48. जो मनुष्य अपनी शक्ति के अनुसार बोझ लेकर चलता है वह किसी भी स्थान पर गिरता नहीं है और न दुर्गम रास्तों में विनष्ट ही होता है। - मृच्छकटिक
  49. आत्म-वृक्ष के फूल और फल शक्ति को ही समझना चाहिए। - श्रीमद्भागवत ८।१९।३९
  50. अधिकांश लोग अपनी दुर्बलताओं को नहीं जानते, यह सच है लेकिन यह भी उतना ही सच है कि अधिकतर लोग अपनी शक्ति को भी नहीं जानते। — जोनाथन स्विफ्ट
  51. प्रागेव विग्रहो न विधिः । पहले ही ( बिना साम, दान , दण्ड का सहारा लिये ही ) युद्ध करना कोई (अच्छा) तरीका नहीं है ।
  52. यदि शांति पाना चाहते हो , तो लोकप्रियता से बचो।
  53. शांति , प्रगति के लिये आवश्यक है।
  54. सदाचार , शिष्टाचार से अधिक महत्वपूर्ण है ।
  55. याद रखिए कि जब कभी आप युद्धरत हों, पादरी, पुजारियों, स्त्रियों, बच्चों और निर्धन नागरिकों से आपकी कोई शत्रुता नहीं है। सच्ची शांति का अर्थ सिर्फ तनाव की समाप्ति नहीं है, न्याय की मौजूदगी भी है।
  56. ‘अहिंसा’ भय का नाम भी नहीं जानती। - महात्मा गांधी
  57. आंदोलन से विद्रोह नहीं पनपता बल्कि शांति कायम रहती है। - वेडेल फिलि

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